किसी भी कारण से लीवर के सिरोसिस को विकसित करने वाले रोगी के लिए उपलब्ध एकमात्र क्यूरेटिव विकल्प लिवर ट्रांसप्लांट (क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी, क्रोनिक हेपेटाइटिस सी, एल्कोहॉलिक सिरोसिस, एनएएसएच आदि) होता है. जब किसी रोगी को सिरोसिस का पता चलता है तो इसे किसी भी नॉन-सर्जिकल उपचार के साथ नहीं बदला जा सकता है.
कोविड-19 कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन में लोगों को घर में रहना पड़ रहा है. जिस कारण बहुत से लोगों को बैचेनी, घबराहट और अवसाद जैसी समस्याओं को झेलना होना पड़ रहा है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है ऐसी ही कुछ बातें जिनसे आप बैचेनी, घबराहट और ड्रिपेशन से छुटकारा पा सकते हैं.
क्रोनिक थकान सिंड्रोम आमतौर पर थकान के रूप में जाना जाता है, जो विषाक्त पदार्थों के निर्माण के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप मन, शरीर और आत्मा के बीच डिस्कनेक्ट होता है. आयुर्वेदिक उपचार समग्र है, और इसमें ध्यान, आहार, मालिश, श्वास तकनीक और हर्बल उपचार शामिल हैं.
जब भी मौसम बदलता तो गले में खराश हो जाना आम होता हैं. ऐसा इंफेक्शन के कारण होता हैं. लेकिन ज्यादा गले की खराश वायरस के कारण होती हैं. इसके अलावा टोंसिल भी गल-शोथ का कारण हो सकते हैं. आमतौर पर गले की खराश तीन से चार दिन के अंदर ठीक हो जाती हैं. read more http://dailytrends.co.in/health-trends/sore-throat-home-remedies-in-hindi