जब भी मौसम बदलता तो गले में खराश हो जाना आम होता हैं. ऐसा इंफेक्शन के कारण होता हैं. लेकिन ज्यादा गले की खराश वायरस के कारण होती हैं. इसके अलावा टोंसिल भी गल-शोथ का कारण हो सकते हैं. आमतौर पर गले की खराश तीन से चार दिन के अंदर ठीक हो जाती हैं. read more http://dailytrends.co.in/health-trends/sore-throat-home-remedies-in-hindi
किसी भी कारण से लीवर के सिरोसिस को विकसित करने वाले रोगी के लिए उपलब्ध एकमात्र क्यूरेटिव विकल्प लिवर ट्रांसप्लांट (क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी, क्रोनिक हेपेटाइटिस सी, एल्कोहॉलिक सिरोसिस, एनएएसएच आदि) होता है. जब किसी रोगी को सिरोसिस का पता चलता है तो इसे किसी भी नॉन-सर्जिकल उपचार के साथ नहीं बदला जा सकता है.
इन फैक्टर में सबसे ज्यादा 60 से 80 फीसदी तक का योगदान हमारे जेनेटिक्स का होता है. इसके अलावा बचे हुए कारणों में प्राकृतिक कारण जैसे खान-पान, एक्सरसाइज़ आदि होते है.
कोविड-19 कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन में लोगों को घर में रहना पड़ रहा है. जिस कारण बहुत से लोगों को बैचेनी, घबराहट और अवसाद जैसी समस्याओं को झेलना होना पड़ रहा है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है ऐसी ही कुछ बातें जिनसे आप बैचेनी, घबराहट और ड्रिपेशन से छुटकारा पा सकते हैं.